दोस्तों दुःख-दर्द तो जीवन हिस्सा है और जहाँ प्यार है वहाँ तकरार भी होती है। प्यार है तो एक खूबसूरत सा एहसास लेकिन प्यार की राह इतनी आसान नहीं है यहाँ आपको कदम-कदम पर संभल के चलना पड़ता है कि कहीं कोई रूठ न जाए, कोई धोखा न दे और कहीं विश्वास कमजोर न पड़ जाए, इन्हीं चीजों के चलते किसी प्रेमी जीवन में तरह-तरह की स्थितियाँ बनती हैं जिनसे उसे अकेले ही जूझना होता है और ये लोग अपनी भावनाओं के माध्यम से बयान करते हैं आज हमने इस लेख में ऐसे ही गुमनाम शायरों शायरियों की सैड शायरी इन हिंदी में और बहुत सैड शायरी हिंदी में संकलन किया है। आप सभी इस लेख को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों ये शायरियाँ शेयर करें
सोचा ही नहीं की
जिंदगी में कभी ऐसे भी फ़साने होंगे
रोना भी जरुरी होगा
और आंसू भी छुपाने होंगे
चलो मान लिया
मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती
लेकिन जरा ये तो बताओ
तुम्हे दिल तोडना किसने सिखाया
तुम पूछो और में बताऊ,
ऐसे तो हालात नहीं,
एक जरा सा दिल टुटा है,
और तो कोई बात नहीं
कभी मौका मिले तो
हम किस्मत से जरूर शिकायत करेंगे
क्यों छोड़ जाते है वो लोग
जिन्हे हम टूट कर चाहते है
हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है
किस्मत से टूट जाते है कभी लोग तोड़ जाते है
दूसरों को खुश रखने की कोशिश में अक्सर कम खुद को उदास कर लेते है
ना पूछो अब किस्सा उल्फ़त एक लम्बी कहानी है
बस उनकी एक बात मानी है
होठों की हँसी को न समझ हक़ीकत ऐ जिंदगी दिल में उतर के देख कितने टूटे हुए है हम
कोई शिकवा नहीं जिंदगी से की तुम मेरे साथ नहीं बस खुश रहो तुम सदा मेरी कोई बात नहीं
किसी के दिल में साथ रहने का इरादा ही झूठा है इसीलिए मैं तुमसे और तू मुझसे आज तक रूठा है
सोचा था उनसे इश्क कर के बहुत खुश रहेगा ये दिल पर क्या पता था कि इश्क़ के बाद ही टूट जायेगा ये दिल
हम दोनों ही धोखा खा गए मैंने तुम्हे औरों से अलग समझा और तुमने मुझे औरों जैसा समझा
होले होले कोई याद आया करता है
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ नही देखा
तेरे जाने के बाद किसी और को नही देखा
तेरा इंतज़ार करना तो है लाज़िम
इसलिए कभी हमने घड़ी की तरफ नही देखा
वो खुद एक सवाल बन के रह गया
जो मेरी पूरी ज़िन्दगी का जवाब था
किसी की चाहत पर हमे अब एतवार न रहा
अब किसी भी ख़ुशी का हमे एहसास न रहा
इन आँखों ने सपनो को टूटते देखा है
इसलिए अब जिंदगी में किसी का इंतज़ार न रहा
कुछ तकलीफ़ें ऐसी होती हैं
जिनपर माफ़ तो किआ जा सकता है
लेकिन ताल्लुक नहीं रखा जा सकता
कोई किसी का खास नहीं होता
लोग तभी याद करते हैं
जब उसका टाइम पास नहीं होता
मुझ से नफरत है अगर उस को तो इज़हार करे
कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाये
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है
मेरी हर शायरी दिल के दर्द को करता बयां
तुम्हारी आँख न भर आये कही पढ़ते पढ़ते
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ
ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ
वक्त नूर को बेनूर कर देता है
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है
कोन चाहता अपनी मोहब्बत से दूर रहना
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें
आज खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ
मेरे चुप रहने से
नाराज़ ना हुआ करो
कहते है टूटे हुए लोग हंमेशा
ख़ामोश हुआ करते है
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से
अब वो भी टूट गयी
वफादारी की आदत थी हमे
अब शायद वो भी छूट गई
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
जिसके नसीब में हो ज़माने की ठोकरे
उस बदनसीब से सहरो की बात न कर
सारे फासले मिटा कर तू हमसे प्यार रखना
हमारा रिश्ता हमेशा बरकरार रखना
अगर कभी इत्तेफाक से हम आपसे जुदा हो जाये
तो कुछ पलों के लिए मेरा अपनी आँखों में इंतज़ार रखना
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
कशिश होती है कुछ फूलों में पर ख़ुशबू नहीं होती
ये अच्छी सूरतों वाले सभी अच्छे नहीं होते
तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ
छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ
माना मौसम भी बदलते है मगर धीरे धीरे
तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हावएँ भी हैरान है
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल
अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल
अब किसी दिलासे की जरूरत नही है
क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल
अपनी हालत का खुद एहसास नहीं है मुझ को
मैं ने औरों से सुना है के परेशां हूँ मैं
माना की हम गलत थे जो तुझसे चाहत कर बैठे
पर रोयेगा कभी तू भी ऐसी वफ़ा की तलाश में
तू याद आता है बहुत इसलिए तेरी याद में खो लेते है
तेरी याद जब आती है तो आंसुओ से रो लेते है
नींद तो अब हमे आती नही
तू हमारे सपनो में आयेगा ये सोच कर सो लेते है
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है
आंसू छुपा रहा हूँ तुमसे
दर्द बताना नहीं आता
बैठे बैठे भीग जाती है पलकें
दर्द छुपाना नहीं आता
मेरी हर शायरी दिल के दर्द को करता बयां
तुम्हारी आँख न भर आये कही पढ़ते पढ़ते
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ
ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ
वक्त नूर को बेनूर कर देता है
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है
कोन चाहता अपनी मोहब्बत से दूर रहना
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें
आज खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ
मेरे चुप रहने से
नाराज़ ना हुआ करो
कहते है टूटे हुए लोग हंमेशा
ख़ामोश हुआ करते है
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से
अब वो भी टूट गयी
वफादारी की आदत थी हमे
अब शायद वो भी छूट गई
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
जिसके नसीब में हो ज़माने की ठोकरे
उस बदनसीब से सहरो की बात न कर
सारे फासले मिटा कर तू हमसे प्यार रखना
हमारा रिश्ता हमेशा बरकरार रखना
अगर कभी इत्तेफाक से हम आपसे जुदा हो जाये
तो कुछ पलों के लिए मेरा अपनी आँखों में इंतज़ार रखना
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
कशिश होती है कुछ फूलों में पर ख़ुशबू नहीं होती
ये अच्छी सूरतों वाले सभी अच्छे नहीं होते
यूँ तो पहले सदमो में भी हँस लेता था मैं
पर आज क्यों बेवजह रोने लगा हूँ मैं
वैसे तो हमेशा से हाथ खाली ही था मेरा
फिर आज क्यों लगा सब कुछ खोने लगा हूँ मैं
कितनी झूठी होती है मोहब्बत की कसम
देखो तुम भी ज़िंदा हो मैं भी ज़िंदा हूँ
उस ने पूछा था क्या हाल है
और मैं सोचता रह गया
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सकें
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सकें
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी
और हम थे की इंकार न कर सके
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
अब बेमतलब की दुनिया का सिलसिला खत्म
अब जिस तरह की दुनिया है उसी तरह के है हम
एक सुकून की तलाश मे जाने
कितनी बेचैनियां पाल ली
और लोग कहते है हम बडे हो गए
हमने जिंदगी संभाल ली
सुना है बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में
ज्यादा भीगना मत
अगर धूल गई सारी गलतफहमियां
तो बहुत याद आयेंगे हम
वो करीब तो बहुत है
मगर कुछ दूरियों के साथ
हम दोनों जी तो रहे है
मगर मजबूरियों के साथ
दिन हुआ है, तो रात भी होगी
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी
वो प्यार है ही इतना प्यारा
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी
मर कर तमन्ना जीने के किसे नही होती
रो कर खुश होने की तमन्ना किसे नही होती
कह तो देते हैं जी लेंगे अपनों के बिना
लेकिन अपनों की तमन्ना किसे नही होती
ज़ख्म पुराने हुए कोई तो नया ज़ख्म दे जाओ
चलो आओ फिर से फिर से वही इश्क़ ले आओ
न जाने क्या कमी है मुझमे
और न जाने क्या खूबी है उसमे
वो मुझे याद नहीं करती
और मैं उसे भुला नहीं पाता
बस एक तुमको ही खो देना बाकि था
इससे बुरा इस साल और क्या होना बाकी था
ऊपर वाले मेरी तक़दीर सम्भाले रखना
ज़मीन के सारे खुदाओं से उलझ बैंठा हूं मैं
बहुत बहुत रोयेगी जिस दिन मैं याद आऊंगा
और बोलेगी एक पागल था जो पागल था सिर्फ मेरे लिए
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